Think For A Minut..,

Tuesday 6 August 2013

विचार बांटे (Share your Thinking)
प्यारे मित्रो अगर आप के मन में भी कुछ ऐसे विचार है , जो आप हमारे साथ बांटना चाहते है , आपके पास भी ऐसे विचार है , जो किसी का मार्गदर्शन कर सके , कुछ ऐसे विचार जो सामान्य से हटकर हो , कुछ ऐसे विचार जो साधारण चीजो से असाधारण  बात निकाले  | कुछ ऐसे विचार जो हमें सोचने पर मजबूर कर दे |
तो आप अपने विचार हमें  भेज सकते है , जिन्हें हम  अपनी पोस्ट में आप ही के नाम से डालेंगे |
आप अपने विचार हमे  हमारी ई-मेल id Think4Aminut@gmail.com पर किसी भी text फॉरमेट में भेज सकते है |
E-mail us your Thinking @  Think4Aminut@gmail.com
नोट: 
1.कृपया सुविधा के लिए अपने विचार wordpad में टाइप करे और open office XML के रूप में save करे |
2. अगर आप हिंदी में टाइप कर सकते है , तो बहुत बढ़िया नहीं तो आप हमें इंग्लिश-हिंदी टाइपिंग में भी भेज सकते है |
 :-     जैसे आप जिंदगी को इंग्लिश में zindagi लिख सकते है 
3. प्रभावशाली विचार अभिव्यक्ति के लिए आप इमेज भी साथ में भेज सकते है |
4.आपके विचार किसी धर्म , जाती पर आधारित न हो | आप कि बातो में ऐसी कोई बात न हो जो किसी को पीड़ा पहुचाये | ऐसे विचार रिजेक्ट कर दिए जायेंगे |
धन्यवाद||||
   -कुंवर देवेन्द्र सिंह 



Sunday 4 August 2013

रहस्य (The Secret)
४-अगस्त-२०१३
                         प्यारे मित्रो,माता-पिता सामान बुजुर्गो को महानुभावो | मै देवेन्द्र सिंह फिर आपके सामने लेकर आया हूँ कुछ ऐसी बाते जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी | आज हम जिस विषय के बारे में चर्चा करने जा रहे है वो विश्व का एक महान रहस्य है,एक ऐसा रहस्य जिसके बारे में सभी इतहास के महान नेता भली भाति परिचित थे लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने इस रहस्य को आम जनता के सामने नहीं आने दिया | वे इस रहस्य कि गंभीरता और इसे उपयोग में लेना जानते थे |विश्व के महान लोग जैसे ptalo ,शेक्सपियर ,newton ह्यूगो ,Beethoren लिंकोन ,emerson ,एडिसन ,आइंस्टीन  भी रहस्य के बारे में जानते थे |
ये वो महान रहस्य है जो आपकी जिंदगी बदल सकता है, इस रहस्य को जानने के बाद आप कुछ भी और कर सकते है , यह रहस्य आप को सब कुछ देता -खुशिया, सेहत या  दौलत | जो लोग इस महान को जानते है और  इसे उपयोग में लाना जानते है उनकी ज़िन्दगी में कमाल के चमत्कार हुए है ,
आप सभी सोच रहे होंगे कि आखिर ये रहस्य है क्या तो मै इसे आपको आसान भाषा में समझाने का प्रयास करूँगा , हम सब के साथ एक अन्नंत शक्ति है हम जिस दुनिया में रहते है वहा अनेक सिद्धांत है ये सिद्धांत इतने सटीक है कि हमें इन  पर आधारित उपकरण बनाने में कोई परशानी नहीं होती है , हम परमाणु बम बना सकते है , और इन पर आधारित अनेक मशीने बनाते है , हम सभी पर ये सिद्धांत बिलकुल एक जैसे लागू होते है , कोई इनसे परे नहीं है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहा के रहने वाले है या किस धर्म के है हम सभी एक सिद्धांत पर अपनी ज़िन्दगी जीते है वो है 
         आकर्षण का सिद्धांत 
आकर्षण का सिद्धांत ही रहस्य है , आप के साथ जो कुछ भी हो रहा है वो आपसे आकर्षित होता है बिलकुल उसी तरह जिस तरह आपने उसे अपनी आँखों में संजो रखा है , आपके दिमाग में जो चल  रहा उसे आप आकर्षित कर रहे है  ,
आप ही सोचिए (think for a minut) कि आखिर क्यों दुनिया का 95 % धन सिर्फ 1 % लोग कमा  रहे है,और  आप इसे महज़ एक इत्तेफाक मत समझिए, उन्होंने किसी चीज़ को समझा उसी चीज़ को जिसके बारे में हम चर्चा करने जा रहे है ,
इस सिद्धांत कि मुख्य बात है कि इंसान जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है,आप जिस चीज़ को पाना चाहते है ,लगातार उसके बारे में विचार करते रहते है ,वो पूरी तरह स्पष्ट होना चाहिए , आप इस रहस्य कि मदद से कुछ भी पा सकते है , 
ज्यादातर लोगो को नहीं पता कि हमारे विचारों कि भी एक  आवर्ती (frequency) होती है , जब हम लगातार एक ही विचार को बार बार सोचते है कि वाही frequency बार बार छोड़ते है और उस चीज़ कि छवि हमारे दिमाग में बनाते है , और यही frequency हमारे आस पास वैसा ही माहोल आकर्षित करती है, वैसा ही माहोल का निर्माण करती है |
समस्या सिर्फ इतनी है कि आम इंसान सिर्फ उन्ही के बारे में सोचता है जो वह नहीं चाहता और उसी माहोल  को आकर्षित करते है , और उन्हें हैरानी होती है कि उनके साथ ये बार बार क्यों हो रहा है  आकर्षण का सिद्धांत ये परवाह नहीं करता कि आप ये चाहते है या नहीं , वह अपना काम करता है ,आप हमेशा  अपने बुरे वक्त के बारे में सोचते है , यही कारण  कि आप हमेशा  अपने बुरे माहोल को आकर्षित कर रहे होते है |
आकर्षण का सिद्धांत बड़ा ही वफादार है , जब आप किसी चीज़ के बारे में पूरा ध्यान लगाकर और सच्चे मन से सोचते है तो यह आपको वो जरुर देता है , पर हम ज्यादातर उन्ही बातो के बारे में सोचते जो हम नहीं चाहते , आकर्षण का सिद्धांत हमारे विचारो को अस्तित्व में लाता है |
आकर्षण का सिद्धांत  हमेशा काम करता है , आप अगर सोचते रहते है तो आप विचार उत्पन्न करते है और उनसे आकर्षण का सिद्धांत काम करता है , आप अपने अतीत के बारे में सोचे वर्तमान या भविष्य ये हमेशा काम करता है |
आप जैसा सोचते रहेंगे आप वैसा आकर्षित करेंगे और वैसा ही पाएंगे , आपकी ज़िन्दगी आप के विचारो का एक ठोस स्वरुप 
है |
यह सिद्धांत किसी एक इंसान कि देन नहीं है न ही किसी एक इंसान के विचार | यह एक खोज और वैज्ञानिक शोध का नतीजा है , इस सिद्धांत  का वैज्ञानिक प्रमाण  भी है ,
दरअसल क्वांटम भोतिकी भी इसी और इशारा करती है , विज्ञान के अनुसार आपके पास तब तक एक दुनिया नहीं हो सकता जब तक उसमे आपका दिमाग दाखिल न हो जाए क्योकि दिमाग ही उसी को शक्ल दे रहा है ,
आप अगर इसके बारे में नहीं जानते तो इसका मतलब ये नहीं कि आप इसे नकार दे , दुनिया में अनेक ऐसी चीज़े है जिनके सिद्धांत हम नहीं जानते जैसे बिजली हम में से बहुत से लोग नहीं जानते कि बिजले क्या है पर फिर भी वो इसका भरपूर फायदा उठा रहे है |
जब भी लोग इस महान रहस्य को समझने कि कोशिश करते है तो अपने नकारात्मक विचारो को लेकर परेशान हो जाते है उन्हें दो बाते समझने कि जरुरत है पहली कि एक सकारात्मक विचार नकारात्मक विचार से सैकड़ो गुना असरदार होता है, और दूसरी बात है कि इसमें वक्त लगता है ,, आपके विचार हाथो हाथ सच नहीं होते है |आप आराम से अपने विचारों के बारे में सोचे ,उनके बारे में सोचे जो आप चाहते है |
हम जिस दुनिया में रहते है वहा अनेक सिद्धांत काम करते है जैसे गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत और ये सभी पर सामान काम करते है , इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अच्छे  इंसान है या बुरे आप नीचे ही गिरेंगे क्योकि ये सिद्धांत सब पास सामान लागु होता है |
आप कि ज़िन्दगी  में जो कुछ भी चाल रहा है वह आपके विचारे का नतीजा है , आप कहेंगे कि हम नहीं चाहते कि हमारा एक्सीडेंट हो , या हम पर किसी का क़र्ज़ हो तो हमारे साथ ये क्यों होता है,, तब भी मै यही कहूँगा कि हाँ आप ही ने अपने उन हालातो को आकर्षित किया है , जब एक बार इस बात को मान लेते है तो आप अपनी ज़िन्दगी के महान सच को मान लेते है,
ज्यादातर लोगो का मानना है कि हमारे विचार अपने आप आते है हम अपने आप हर चीज़ को आकर्षित करते है  , तो आप सोच रहे होंगे कि ओह तो अब मुझे अब अपने विचारों पर नज़र रखनी होगी ,  हाँ बिलकुल पर ये बहुत मुश्किल है क्योकि एक आम इंसान के दिमाग में 60,000 के करीब विचार आते है जरा सोचिए अगर एक एक पर नज़र रखेंगे तो ...
पर इसका एक आसान तरीका है .. हमारे अहसास 
ये अहसास हमें बताते है कि हम कैसा सोच रहे है कैसा महसूस कर रहे है ,  आप इनके फर्क को जानते है एक से आप अच्छा महसूस करते है तो एक से बुरा ,
कुछ अहसास जैसे चिंता ,क्रोध घृणा , डर  और नाराज़गी ये वो अहसास है जो आपको कमज़ोर करते है आपको बुरा महसूस करते है ये बुरे अहसास है , और एक जिनसे आप अच्छा महसूस करते है जैसे प्यार,आभार ,आनंद ,ख़ुशी , उम्मंग ,या संतोष | अगर आप अच्छा महसूस कर रे है तो बहुत बढ़िया करते रही क्योकि आप जितना अच्छा महसूस करेंगे उतने ही प्रबल विचारो को उपन्न करेंगे और आकर्षण का सिद्धांत उतना ही अमल में आयेंगा |
हमारे अहसास हमें ये बताते है कि हम जो कर रहे है वो सही है या नहीं जब हम अच्छे  अहसास में जीते है तो एक अच्छे भविष्य का निर्माण कर रहे होते है  और जब अहम एक बुरे अहसास के साये में होते है तो एक ऐसे कल को न्योता दे रहे होते है जो हमारे बुरा ही होता है |
हमारा सोचना , महसूस करना हमारे भविष्य का निर्माण करता है |
और आप वैसा ही पाते है जो आप महसूस कर रहे है जो सिर्फ सोचने भर से नहीं मिलता है ., इसलिए अगर किसी कारण  आप कि सुबह कि शुरुआत ख़राब हो जाए तो आपका पूरा दिन परेशानी से  और ख़राब गुजरता है ,
अगर लोग अपने विचारो में जरा सा परिवर्तन करे तो उनकी दिन तो क्या पूरी ज़िन्दगी बदल सकती है , अपनी सुबह एक अच्छे अहसास से शुरू करे , और पुरे दिन उसी अहसास को बरक़रार रखे आप महसूस करे कि आपके आस पास प्यार ही प्यार है,चाहे वह वहा न हो और आप पाएंगे कि आस पास के लोग आप को खुश रहने में मदद कर रहे है आप कि ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं होगी |
आप जिन विचारो पर ध्यान केन्द्रित करते है आकर्षण का सिद्धांत वह आपको जरुर देता है | आप इस बात को बिलकुल नहीं मानेंगे, ये मै जनता हु पर मेरा विश्वास कीजिए अगर आप एक बार इसे खुले दिल से अपना लेते है तो नतीजे गजब के होंगे |
 ये बहुत जरुरी है कि आप अच्छा महसूस करे क्योकि येही बहरी दुनिया में संकेत के रूप में जाता है और आपकी और वैसे माहोल को आकर्षित करता है , तो ज्यादा से ज्यादा अच्छा महसूस करे , जब आप उदास हो तो मनपसंद गाने सुने , अपना मनपसंद काम करे , प्यार महसूस करे |
जब आप इसे समझ लेते है , अपने विचारो पर काबू पा लेते है इस सिद्धांत को समझ लेते है , इसे अमल में लाना सिख जाते है तो आपकी एक ऐसी ज़िन्दगी होगी जिसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते |
इस दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है जो रहस्य को अमल में लाना जनता है , और आज उनकी ज़िन्दगी जन्नत है |
ये जिंदगी बहुत खुबसूरत होगी इसे होना भी चाहिए और होगी भी जब आप रहस्य को अमल में लायेंगे |
हम बात करेंगे कि आखिर रहस्य को अमल में कैसे लाये | बहोत से लोगो के मन में ये विचार आता है कि इस रचनात्मक श्रृष्टि में उनका क्या काम है और इस दुनिया का क्या काम है | आपने अलादीन और उसके चिराग कि कहानी तो जरुर सुनी होगी |अलादीन चिराग को रगड़ता है और उसमे से जिन बहार आता है , जिन हमेशा एक ही बात कहता है कि आप कि ख्वाशिश ही मेरा हुक्म है |
आइए अब इस कहानी को आपकी जिंदगी से जोड़ कर देखते है , याद रखिए  अलादीन के सामने उसकी इच्छाए पूरी करने के लिए सिर्फ जिन था लेकिन आपके सामने ये पूरी दुनिया है जिसे हमने बहोत से नाम दे रखे है जैसे परमपिता परमात्मा , भगवान और भी बहुत कुछ |
आप चाहे उसे वो नाम दे पर हर धर्म हर परम्परा यही कहती आई है  कि हम सब से ऊपर कोई  है |
यह सिद्धांत तीन चरण में पूरा होता है |
पहला चरण है कि प्रश्न करे कि आपको क्या चाहिए ?
श्रृष्टि को आदेश दे कि आपको क्या चाहिए , आकर्षण का सिद्धांत वह आपको जरुर देगा | जो आपको चाहिए वह पूरी तरह स्पष्ट होना चाहिए | आप चाहे तो उसे कागज पर लिख सकते है | इसमें बहुत मज़ा आएगा जैसे आप श्रृष्टि को आर्डर दे रहे हो किसी होटल के वेटर कि तरह |
इसका दूसरा चरण है , विश्वास करे 
आप विश्वास करे कि आपको वह मिल चूका है , आप उसपर अटूट विश्वास करे कि वह आप को सच में मिल चूका है फिर आप देखेंगे कि किस तरह ये दुनिया खुद अपने आप में बदलाव करेगी कि आप को वो मिले जो आप चाहते है |
ज्यादातर इंसान उनके बारे में सोचते तक नहीं जो वो चाहते है , वे ये सोचते है कि ये आखिर होगा कैसे |
विश्व के ज्यादातर सक्सेस लोग ये जानते तक नहीं थे कि आखिर उन्हें कामयाबी मिलेगी कैसे वे बस इतना जानते थे कि उन्हें कामयाब होना है , श्रृष्टि आप को ये सब कहा से और कैसे देगी ये आपका काम नहीं है वो बस आपको देगी |आप को इसे जानने के हमें जरुरत नहीं कि यह आखिर होगा  कैसे |
ज्यादातर बार जब हम जिन चीजो कि ख्वाशिश करते है और हमें उनकी प्राप्ति के कोई संकेत प्राप्त नहीं होते तो हमारे मन में shak का भाव पैदा होता है, हम निराश हो जाते है, बस हमें इसी अहसास को बदलना है अपने उस अटूट विश्वास से |
और आपको  वह वस्तु  जरुर मिलेगी |
इस प्रक्रिया का तीसरा चरण है पाना |
आप ऐसा महसूस करे कि वह चीज़ आपको मिल चुकी है, इस प्रक्रिया में आपका खुश रहना बहुत जरुरी है | क्योकि इससे आप उन फ्रीक्वेंसी को पैदा करते है जो वैसा माहोल पैदा करती है |
ये अहसाह कि दुनिया है अगर किसी चीज़ को पाने के लिए आपके पास आवश्यक अहसास या शक्ति नहीं है तो वो आपको नहीं मिलेगी |
तो आकर्षण का सिद्धांत और इसे अमल में लाना सिर्फ यही भर पता लगाना है कि  आप इसके अहसास को किस तरह जगायेंगे | इस पाने के अहसास को जगाने के लिए आप जो करना चाहते है , जो कर सकते है कीजिए , हो सकता है वो आपको मिल जाए या उससे सम्बंधित कोई उपाय मिल जाए | अब ऐसा न कहे कि ऐसा मै कर तो सकता हु लेकिन मज़ा नहीं आएगा  ,आप वो सब करे जो ये दुनिया आप से करवाना चाहती है ये दुनिया गति पसंद करती है , ज्यादा मत सोचिए , shak मत कीजिए जब आपकी अंतरात्मा आपको कुछ करने को कहे तो बस कीजिए , यही आपका काम है | हर चीज़ आपसे आकर्षित होगी वो जिन्हें आप चाहते है , चाहे वो इंसान हो , धन हो चाहे सेहत , आपको सिर्फ विश्वास करना है |आप अपने विचारो को वास्तविक दुनिया में उत्पन्न करते है |
आप शुन्य से शुरू कीजिए आप देखेंगे कि उसी शुन्य से रास्ता जरुर निकलेगा |
जरा इस बात पर थोडा ध्यान दीजिए कि रात के अँधेरे में गाडी चाल रही है जिसकी रौशनी 10 से 20 फीट तक ही जाती है , लेकिन फिर भी आप उसी अँधेरे में एक शहर से दुसरे शहर का रास्ता पार कर लेते है | क्योकि रौशनी आपके साथ साथ चलती है ठीक इसी तरह जिंदगी भी आप के सामने उजागर होती जाती है |और आप अपनी मंजिल को पा लेते है ये वाही मंजिल है जिसे आप पाना चाहते थे , सचमुच पहुचना चाहते थे |
एक बात कि लोग सोचते है कि आखिर इसे होने में कितना वक्त लगेगा , वैसे इसके लिए कोई किताब नहीं है जो आपको बता सके कि आखिर इसमें कितना वक्त लगेगा ये पूरी तरह आपके और इस श्रृष्टि के बीच तालमेल पर निर्भर करता है |
इस श्रृष्टि के आकर जैसी कोई चीज़ नहीं है उसके लिए प्रत्येक चीज एक सामान है , कोई भी चीज आकर्षित कि ज सकती है चाहे वह हाथी जितनी बड़ी हो या इतनी छोटी कि आँखों से दिखाई न दे |श्रृष्टि को अपने काम करने में कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती , घास बढ़ने कि कोशिश नहीं करती है , वह अपने आप बढती है , वह इस श्रृष्टि क महान रचना है , सब कुछ हमारे विचारो के कारण होता है , आखिर हम सोचते क्या है |
ज्यादातर लोग अपने मौजदा हालात को देखकर कहते है कि ये मै हूँ , आप वो नहीं है आप वो थे |आप अपने अतीत के विचारो का नतीजा है , अगर आप अपने आपको मौजदा हालात में सोचते है तो वास्तविकता में आप अपने आप को उसी हालात में बनाये रखते है और अपने भविष्य को उसी हालात में बने रहने कि सजा देते है |
तो आप अपनी ज़िन्दगी को बदलने के लिए क्या करे मै आपको इस सम्बन्ध में कुछ बाते बताऊंगा | उन पर अमल कीजिए और आपकी जिन्दगी पूरी तरह बदल जाएगी |
आप अहसानमंद यानि कृतज्ञ बनिए  , उन चीजो कि लिस्ट बनाइये जिनके लिए आप कृतज्ञ है , ये आपकी सोच बदलेगी ,जो कि आपकी जिन्दगी बदलेगी |
आप शुक्रगुजार होना सीखिए , यह ज्यादा से ज्यादा पाने का सबसे आसन तरीका है | अगर आप किसी कि किसी काम के लिए तारीफ करते है तो वह क्या करेगा ज्यादा से ज्यादा अच्छा करने कि कोशिश करेगा | तो हर चीज के लिए कृतज्ञ होवे फिर आपको श्रृष्टि ज्यादा से ज्यादा देगी | क्योकि यही वह जबरदस्त अहसास है जो आपको पाने मका  अहसास कराता है |
आप कहेंगे मेरे पास ढंग कि कार नहीं है , मेरी सेहत ख़राब है , इन सब को भूल जाइये क्योकि ये सब बुरे अहसास है , और आप उन सब के लिए शुक्रगुजार हो जो आप के पास है,  जैसे आप के पास देखने के लिए आँखे है , रहने के लिए घर है, जिनके लिए  आप तहे दिल से शुक्रगुजार है |
आपकी जिंदगी को बदलने के लिए एक दूसरा उपाय है कि  कल्पना करे | ये उपाय इतना जबरदस्त है कि मै इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूँ  |
आप जैसा सोचते है वैसा ही बन जाते है , एक प्रयोग के अनुसार आधुनिक बायो फीड बेक के तार ( एक आधुनिक मशीन जो हमारे दिल कि धड़कन के साथ हमारे प्रत्येक अंग कि हलचल को नापती है ) ओलिंपिक खिलाडियों के शरीर से जोड़े और उनसे कहा कि कुर्सी पर बैठे बैठे ही वो ऐसी कल्पना कि वो ट्रैक पर दोड रहे है तो प्राप्त परिणाम गजब के थे | उनकी मासपेशिया ठीक उसी क्रम में काम कर रही थी जैसे असली ट्रैक पर दोड़ते वक्त काम करती है, मानो वे असल में दौड़ ही रहे हो  |
क्योकि हमारा दिमाग इसमें भेद नहीं कर सकता कि हम ऐसा कर रहे है या सिर्फ ऐसा सोच रहे है , आपने दैनिक जीवन  में भी देखा होगा कि कैसे लोग सपने में झटपटाटे है |क्योकि हम जैसा सोचते वैसा ही हमारा शरीर करता है |
जब भी आप किसी चीज को पाने कि इच्छा करे तो हमेशा उसके अंतिम परिणाम के बारे में ही सोचे |
उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी कार को खरीदना चाहते है तो अकेले कमरे में बैठ कर ऐसा सोचे कि जैसे आप वाकई उसी कार में बैठ कर उसे चला रहे है , खुश रहिए , इस अहसास को बनाए रखिए | ज्यादातर लोगो का सोचना है कि सिर्फ सोच का सकारात्मक होना ही सबकुछ है, पर उस चीज को पाने का अहसास जब तक न हो सब कुछ बेकार है , आप ऐसा महसूस कीजिए कि आप वाकई उसी कार में है, महसूस कीजिए आप उसे चला रहे है , ऐसा अहसास पैदा कीजिए कि आपको लगे कि आपके पास वह कार है और आपको अब उसकी जरूरत नहीं | ये मत सोचिए कि एक दिन में वो कार खरीदूंगा क्योकि उस समय आप अपना भविष्य बना रहे होते है और वो  कार सदा आपके भविष्य में ही रहेगी | आप ऐसा सोचिए कि आपके पास वो है , एक दिन वो सच में आपके पास होगी | आनंद महसूस कीजिए | क्योकि ये जरुरी है |
आपको वह अनंत शक्ति वह कार जरुर देगी |
आप ऐसा मत सोचिए कि ऐसा आखिर होगा कैसे , इस "कैसे" कि जिम्मेदारी श्रृष्टि पर है , वह जानती है कि आपको उस चीज कैसे और कब मिलेगी , वह जानती कि  कोनसे रस्ते से आपको आपकी मजिल मिलेगी  |सब कुछ श्रृष्टि पर छोड़ दे |
इसे आप कोई काम समझ कर न करे इस पुरे रहस्य का यही सार है कि आप हमेशा खुश रहे , श्रृष्टि के साथ अपना संतुलन बनाए रखे |वो लोग जो इसे अमल में लाना सिख जाते है वे हमेशा इसे अमल में लाते है , क्योकि वो जानते है कि उनके साथ एक अनंत शक्ति उनके साथ चाल रही है , वे इसे हमेशा इस्तेमाल करते न कि सिर्फ एक बार उपयोग किया और छोड़ दिया | ज्यादातर लोग इस रहस्य को अमल में लाने  कि कोशिश करते है , पर जैसा कि मैंने कहा है इसमें वक्त लगता है ,उनके सामने नतीजे सामने नहीं आते वो सिर्फ मौजदा हालातो को देखकर कहते है कि ये सब बेकार है , और जैसा कि आप जानते है श्रृष्टि रूपी जिन कहता है ,आपका इच्छा ही मेरा हुक्म है |और नतीजे आने से पहले ही छुप जाते है |
आप जो चाहते है उसकी मांग कीजिए , सोचिए कि, वो आपको जरुर मिलेगी , आप उसके हकदार है , महसूस कीजिए कि आप को वो मिल चुकी है , कल्पना कीजिए कि आप उसके मालिक है , अपनी हर चीज के लिए शुक्रगुजार रहिए और फिर अपने दैनिक काम में लग जायिए , और फिर ये श्रृष्टि लग जाएगी आप को उस चीजे को दिलवाने में |
धन का रहस्य भी ठीक उसी तरह काम करता है , आप कितना कमाना चाहते है , चाहे जितना आप उसे किसी कागज पर लिख दे और महसूस करे कि वाकई आप उतना कम रहे है, आप  के पास वाकई उतनी सैलरी के चेक आते है , आप विश्वाश कीजिए कि आप उतना कम रहे है| लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप काम करना ही छोड़ दे , जब आपके मन में कोई विचार आए तो उस पर अमल करे | ये विचार आपकी जिंदगी भी बदल सकता है और  ये महान रहस्य का एक हिस्सा भी है |
ज्यादातर लोग सोच रहे होंगे कि मै ज्यादा से ज्यादा पैसे कैसे कमाऊ , मै अपने क़र्ज़ के बोझ को कैसे हटाउ | कैसे ज्यादा से ज्यादा पैसो को आकर्षित करू | हम जिस महान रहस्य ही बात कर रहे है यह उसी का एक हिस्सा है जैसा कि मैंने पहले कहा है श्रृष्टि रूपी जिन से जो आप चाहे मांग ले , जो आप को चाहिए, जितना आपको चाहिए एलान कीजिए, श्रृष्टि को आर्डर दीजिए | आप कहिये कि मुझे  इतना चाहिए और इतने दिनों में चाहिए | ऐसा मत सोचिए कि मुझे कर्ज से छुटकारा चाहिए क्योकि आप कर्ज के बारे में सोचेंगे तो आपको कर्ज ही मिलेगा | अपना ध्यान नकारात्मक विचारो से हटाइए और सकारात्मक कि और जाइये |अपने सुख के बारे में सोचे | अक्सर लोग अपनी सैलरी के बढ़ने के बारे में सोचते है लेकिन ऐसा कुछ नहीं करते जिससे कि ऐसा हो सके , और फिर सोचते है कि ये सब बेकार है और फिर आप जानते है आप कि इच्छा मेरा हुक्म है |
अक्सर लोग अपने अभावो के बारे में सोचते है , उनके बारे में चर्चा अपने घर, दोस्तों और अपने बच्चों से करते है , हम कहते है कि हम इतना खर्चा नहीं उठा सकते तो आप भविष्य में भी उसी का निर्माण कर रहे होते है , आप कभी उतना खर्चा नहीं उठा पाएंगे |अगर आप सुख चाहते है तो सुख के बारे में सोचे | क्योकि हर इंसान अपनी आर्थिक स्थिति और पारिवारिक स्थिति को बदलने कि काबिलियत रखता है |
अक्सर कई लोग ऐसे होते है जो धन दौलत में काफी अमीर होते है , लेकिन जिनके रिश्ते सड चुके होते है क्या वो वाकई अमीर है , और कई ऐसे भी जो मस्त मौला होते है लेकिन फटेहाल होते है तो ये भी कोई अमीरी नहीं है | लोग ज्यादातर कामयाबी के पीछे भागते है , उन्हें अच्छा घर चाहिए , गाडी चाहिए ,, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं कि वो सब चीजे आपको ख़ुशी दे|आप अपने आप को खुश रखिए खुशिया हासिल कीजिए , तभी आपको ये चीजे वास्तविक रूप में आनंद दे पायेगी |
महान रहस्य का मतलब है कि आप जो सोचेंगे वो प्रकट होगा | तो इसके लिए ये जानना बहुत जरुरी है कि आप आखिर चाहते क्या है , क्योकि जो आप सोचेंगे और जैसा चाहेंगे वैसा ही आपके सामने होगा | हमारे  अन्दर कई ख्वाहिशे होती है लेकिन वो सब सच नहीं होती क्योकि कही न कही कोई न कोई विरोदाभाश हो ही जाता है , आप अपनी उन ख्वाहिशो को बाहर  प्रकट कीजिए, बाहरी दुनिया को उनके बारे में संकेत दीजिए | 
आपके रिश्तो में आपको पहले समझना होगा कि उस रिश्ते में शामिल कौन  हो रहा है , अपने साथी को नहीं अपने आपको समझना होगा , भला आप दुसरे से कैसे उम्मीद कर सकते है जब आप खुद से खुश नहीं है |
आप सोचते है कि क्या आप अपने जीवनसाथी को पसंद आयेंगे या नहीं , लेकिन पहले इस बात कि तो पुष्टि कीजिए कि आप खुद को पसंद तो है |अपने आप के लिए वक्त निकालिए | अपने आप को प्यार करे , खुद को इज्जत दे , मैं ये नहीं कहता हूँ कि आप घमंड करे बल्कि कि इज्जत करे |
हम हमेशा  दुसरो कि शिकायत करने के आदि हो चुके है , मेरा पति किसी काम का नहीं है , मेरे बच्चे आलसी है , मेरे माता-पिता मुझे डांटते है  | लेकिन रिश्तो कि कामयाबी के लिए जरुरत है , हमें उनमे अच्छाई दूंढने कि ना कि उनमे क्या बुराई है , जब हम किसी कि बुराई करते है तो हमें सिर्फ बुरा ही दिखता है |
आपके रिश्तो में चाहे कितनी भी कडवाहट क्यों न हो आप उनमे भी मिठास ला सकते है , बस एक कागज लीजिए और अगले 30 दिनों तक उस शख्स के बारे में लिखे कि आपको उसमे क्या पसंद है , आप उनसे क्यों प्यार करते है |उनका महत्व समझे | और आप पाएंगे कि आप उनकी बुरइयो को भूल चुके है |जब आप उनके महत्व को समझेंगे को तो आप को भी बदले में  वही  मिलेगा |और प्रोब्लम हवा हो जाएगी |
वह चाहे आपका बेटा हो ,पति हो , माँ हो आपकी खुशियों कि चाबी सिर्फ आपके पास है |
              स्वास्थ्य का रहस्य 
ये जान लेना बहुत जरुरी है कि हमारा शरीर हमारे विचारो का परिणाम है |
एक प्रयोग के अनुसार  समान  बीमारी से पीड़ित को दौ ग्रुप में बाटा  गया जिनमे से एक ग्रुप को प्लेसिबो नामक दवाई ( एक ऐसी दवाई जो शरीर में कोई कुछ नहीं करती)  इस बात के साथ दी गयी कि इनसे वे पूरी तरीके से ठीक हो जायेंगे और दुसरे ग्रुप को यह दवाई इस बात को कहकर दी गयी कि असली दवाई न आने के कारण यह दी जा रही है और इससे ठीक होना मुश्किल है ,, प्रयोग के निष्कर्ष गजब के थे | पहले ग्रुप के 80 % लोगो कि हालात में काफी सुधार था जबकि दुसरे ग्रुप के लोगो कि सेहत में ज्यादा फर्क नहीं आया |
जब आपके सामने विकल्प हो कि आप बीमारी कि जड़ को मानसिक रूप से खोजे तो ऐसा करे , लेकिन जब दवाई बिना काम न बनता हो तो दवाई भी ले , हर इलाज कि अपनी जगह एक महत्व है , और साथ ही मानसिक रूप से जड़ खोजते रहे|
यह दुनिया अहसासों से घिरी है जब आप खुशनुमा महसूस करेंगे तो आपको जिंदगी के रंग दिखाइ देंगे |आपको लगेगा कि जिंदगी कितनी खुबसूरत है | इसके विपरीत जब आप बुरे अहसास में जियेंगे तो आप को हर एक दिन बोझ लगेगा |
हम सभी जानते है कि बीमारी कि शुरुआत तनाव से होती है , अगर कोई आदमी तनाव में है तो वह हमेशा बीमार रहता है | अगर आप किसी रस्सी पर तनाव डालेंगे तो वह भी टूट जाती है |
अक्सर पुछा  जाता है कि अगर कोई आदमी तनाव में हो बीमार हो , तो क्या उसे विचार शक्ति से ठीक किया जा सकता है ? तो इसका जवाब है         हाँ  बिलकुल  ! इसके कई उदाहरण भी है जो दर्शाते है कि किस  तरह कई लोगो ने अपने बीमारी पर विजय पाई है |
हमारा शरीर में रोज हजारो कोशिकाओ का जन्म होता है, तो रोज हजारो कोशिकाए नष्ट कि जाती है ,आपका  हर एक अंग कुछ दिनों या कुछ साल में नया तैयार हो जाता है| मिसाल के तौर पर आपका घाव भी तो इसी तरह ठीक होता है | अगर आप अपने दोस्तों से अपनी बीमारी के बारे में बात करते है , तो आप उसे असल में बढ़ावा दे रहे होते है ,आप ज्यादा बीमार कोशिकाओ को पैदा कर रहे है , उसे स्वीकार कर रहे होते है , अपने आपको एक स्वस्थ शरीर में महसूस करे , बीमारी को डॉक्टर के हवाले कर दे और स्वयं आनंद ले |
इस दुनिया में दौ तरह के लोग होते है , दोनों को सामान बीमारी है , लेकिन पहले प्रकार के लोगो का ध्यान सुख पर होता है , संभावनाओ पर होता है आनंद पर होता है , जबकि दुसरे प्रकार के लोगो का ध्यान बीमारी पर होता है , उससे आई पीड़ा पर होता है , उससे काम में आई रुकावट पर होता है |
जब तक आप अपनी बीमारी के बारे में सोचते है आप उसे स्थायी बनाते है , आप तब तक ठीक नहीं हो सकते जब तक आप ठीक होने के बारे में न सोचे , क्योकि यही आकर्षण का सिद्धांत है |ख़ुशनुमा आहसास आपके शरीर में सकारात्मक परिवर्तन लायेगा |शरीर से अगर तनाव को निकाल दे तो शरीर वही करेगा जो इसका काम है -अपने आप को ठीक |
आप माने या माने मेरे अनुसार लाइलाज का इलाज़ आपके मन में है |
Morrise E GOODMAN जिन्हें चमत्कारी पुरुष भी कहते है ,
 का 10 मार्च 1981 का एक हवाई हादसा हुआ था उस हादसे के कारण उनकी रीढ़ कि हड्डी कुचली गयी , उनकी निगलने कि शक्ति ख़त्म हो गयी , उनके फेफड़े बेकार हो गए , उन्हें लकवा मार गया ,उनका पूरा शरीर बेजान था ,, वे सिर्फ पलके झपका सकते थे ,  डॉक्टरो का कहना था कि अब वे सारी उम्र इसी हालात में रहेंगे कि और सिर्फ अपनी पलके ही झपका पाएंगे |मोरिस को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि डॉक्टर उनके बारे में क्या कहते है , उन्हें पूरा विश्वास था कि वो उस हॉस्पिटल से चल कर जायेंगे जो कि डॉक्टरो के अनुसार नामुमकिन था | मोरिस अपने आप को एक स्वस्थ शरीर में देखते , मोरिस के फेफड़े बेकार थे इसलिए वो सांस नहीं ले पाते  थे , लेकिन मोरिस को लगता कि उनके अन्दर से एक आवाज़ आती थी कि जोर से सांस लो और जोर से | चमत्कारी रूप से मोरिस के फेफड़े ठीक होने लगे और वे सांस लेने लगे बिना किसी उपकरणों के | मोरिस ने स्वयं से वादा किया था कि वे क्रिस्मस के दिन अस्पताल से अपने पैरो पर चलकर जायेंगे , डॉक्टरो को जो बात असंभव लगती थी मोरिस ने उसे संभव किया और सिर्फ 8 महीनो में वे स्वस्थ हुए और क्रिसमस के दिन ही अपने घर चाल कर गए |
     संसार का रहस्य 
इस दुनिया में हमारे सामने कई चीजे आती है , कुछ को देखकर हम खुश हो जाते है और कहते है ये मुझे चाहिए ,,पर कई बार जो चीज हमें पसंद नहीं है , हम उनपर भी उतना ही ध्यान देते है , हम कहते है हम उसे दबा देंगे , हम उससे लड़ते रहते है , चाहे वो लड़ाई केंसर के खिलाफ हो या गरीबी के खिलाफ हम उसपर उतनी ही उर्जा लगते है |
जब हम किसी चीज का विरोध कर रहे होते है , तो हम उस पर अपनी उर्जा इस्तेमाल कर रहे होते है और वास्तिवकता में तो हम उसमे अपनी उर्जा जोड़ते रहते है, इसका परिणाम ये होता है कि वह हमेशा बना रहता है |
जब आप किसी चीज का विरोध करते है , तो कहते है मुझे ये नहीं चाहिए , मुझे ये अच्छा नहीं लगता ,, पर आप उसी अहसास को बार बार अस्तित्व में ला रहे होते है , इसलिए वो बार बार आपके सामने आता है | किसी चीज का विरोध करने से वो बढती ही है | आप युद्ध का विरोध करेंगे युद्ध बढेगा , आप ड्रग्स का विरोध करेंगे ड्रग्स बढेगा |क्योकि हमारा पूरा ध्यान उस पर है जो हम  नहीं चाहते है | भला ये कहा कि समझदारी है, कि  हमारा पूरा ध्यान समस्या पर हो न कि शिक्षा , प्यार ,शांति  और उसकेसमाधान पर | 
मदर टेरेसा ने भी हमेशा कहा था कि वे कभी भी युधविरोधि रैली में नहीं जाएँगी अगर कोई शांति रैली है तो वो जरुर जाती ,, हमे इसके बीच के फर्क को समझाना है |
अगर आप युद्ध विरोधी है , तो शान्ति का पक्ष लीजिए , अगर आप भूख विरोधी है तो  उनका पक्ष लीजिए जिनके पास इसकी कोई कमी नहीं है  |
इसलिए आप उनका पक्ष लीजिए जो आप चाहते है , पर यही तो समस्या है, हम ज्यादातर उन्ही के बारे में सोचते है, पढ़ते है , बात करते है , जो हम नहीं चाहते है ,, और अपनी पूरी उर्जा उसी में झोंक देते है और परिणाम में हमारे सामने वाही आता है |
हां आपको उसके बारे में जानकारी जरुर होनी चाहिए जो आप नहीं चाहते, पर उसकी भरमार नहीं होनी चाहिए |
आप पहले अपने आपको स्थिर कीजिए अपना ध्यान उनसब से हटाईए जो आप नहीं चाहते और फिर अपना ध्यान अपनी चाहतो पर लगाइए | ताकि आप उनमे ज्यादा से ज्यादा से उर्जा लगा सके |
दुनिया को बदलना आप का काम नहीं है , और न ही लोगो को बदलना | आपका काम है श्रृष्टि के बहाव के साथ साथ बहना , और इस दुनिया में अपनी जिंदगी का भरपूर आनंद उठाना |
आप में से किसी सज्जन के दिमाग में ये ख़याल तो जरुर आया होगा कि अगर सभी रहस्य को जान जायेंगे और इस श्रृष्टि को आदेश देकर अपनी सारी मनोकामनाए पूरी करवा लेंगे तो क्या सारी वस्तुए ख़त्म नहीं हो जाएँगी क्या वो खजाना ख़त्म नहीं होगा ?
तो इसका जवाब है,और जो  इस रहस्य के उद्धेश्यो कि सबसे खास और खुबसूरत बात भी  है कि यह हमारी आवश्यकताओ से बहुत ज्यादा है , मनुष्य जाती में एक झूठ फेला है, जो किसी वायरस कि तरह फेला है कि इस दुनिया में पर्याप्तता नामकी कि कोई चीज नहीं है , इसी कारण मनुष्य को हमेशा डर लगा रहता है , वो लालच , कंजूसी और और डर में जीता है और यही उसके अहसास बन जाते है , और जिंदगी एक बुरे सपने कि तरह चलती है | सच्चाई ये है कि अच्छाई पर्याप्त से कही ज्यादा है ,कही ज्यादा रचनात्मकता है , कही ज्यादा प्यार है , कही ज्यादा आनंद है |
हमें अभाव दिखायी देता है क्योकि हमारी श्रृष्टि उतनी ही फैली है ,,, हम सब इंसानों कि ख्वाहीशे एक जैसे नहीं है?हमें एक जैसी कार , घर या जीवन साथी नहीं चाहिए | इसलिए ही तो किसी के लिए कोई  अभाव नहीं है | 
आपके चारो और वो सब कुछ है जो आपको चाहिए , बस आपको उसकी मांग करनी होगी , आपको उसका इरादा बनाना होगा , और जब आप इरादा बना लेते है , संकल्प कर लेते है तो उसे पा ही लेते है |अपने आस पास कि दुनिया कि तारीफ कीजिए |
अगर आप के पास वो नहीं है ,जो आप चाहते है , तो शिखायत मत कीजिए अपनी उर्जा  ज़ाया मत कीजिए | अपनी खुशिया दुसरो के साथ बांटीए आप को बढ़ कर ही मिलेगी |
 आपका रहस्य 
अपने चारो और देखे अपने शरीर को ही ले ले , जो दिख रहा है वो तो सिर्फ सुई कि नौक ही है | जरा अपने हाथ पर नजर डालिए , आपको अपना हाथ ठोस दिखता तो है पर वो है नहीं , अगर आप उसे माइक्रोस्कोप के निचे देखेंगे तो आपको स्पंदन करती उर्जा दिखेगी |दुनिया में हर चीज चाहे वो आप हो , सागर , चाँद या तारे एक ही चीज से बने है , और वो है उर्जा |आपका हाथ कोशिकिओ  से बना है , कोशिका कई अवयवो से और फिर परमाणु और अंत में उर्जा |
आप चाहे कही भी हो, किसी भी शहर में हो , आपके भीतर बहुत शक्ति है , इतनी  शक्ति जो उस शहर को कई हफ्तों तक रोशन कर सके |
बहुत से लोग अपने आपको सिमित शरीर मान लेते है , आप सिमित नहीं है माइक्रोस्कोप के निचे आप एक उर्जा का क्षेत्र है ,
आप चाहे तो किसी क्वांटम फ्य्सिस्ट से पुछ ले कि यह दुनिया किससे बनी है, वह  कहेगा उर्जा से | उर्जा हमेशा से रही है , रहेगी , न तो इसे बनाया जा सकता है, ना ही नष्ट किया जा सकता है |यह तो बस किसी एक रूप में आती है , उसमे रहती है , और अन्य रूप में बाहर  निकलती है |
अब आप किसी आध्यात्मिक व्यक्ति से पूछिए कि ये दुनिया किसने बनाई , उसका जवाब होगा भगवान ने , भगवान जो हमेशा से था, है और रहेगा |  जिसे न बनाया जा सकता है न ही नष्ट किया जा सकता है , वह एक रूप में आता है , रहता है , अरु अन्य रूप में बहार निकलता है | 
आपको दोनों का वर्णन एक जैसा ही मिलेगा |बस नाम अलग होंगे | हम अपने आपको शरीर में सिमित मान लेते है , जब कि यहाँ कुछ अन्दर - बाहर नहीं है |हमारा शरीर अनंत है , उर्जा है , हममें एक उर्जा है, जिसे आत्मा कहते है , जो परमात्मा का एक छोटा अंश है | हम सभी आपस में जुड़े है | आत्मा अमर है , क्योकि उर्जा को नष्ट नहीं किया जा सकता है | हम एक अनत जीवन है , उर्जा का श्रोत है , आप इंसान के रूप में जन्मे इश्वर है, जिसमें कोई कमी नहीं है  | हम सब में रचनात्मक शक्ति है जो हमारे जीवन को बदल सकती है , हममे ईश्वरीय शक्ति है , जो हमे इस योग्य बनती है कि हम हमारी जिंदगी बदल सकते  है |
ज्यादातर लोग कहते है कि उनके साथ जिंदगी ने धोखा किया है , उनके माता-पिता उनके साथ अच्छा सुलूक नहीं करते है, पूरा प्यार नहीं देते है , समाज उन्हें दुतकारता है | पर आपको ये भी ध्यान रखना चाहिए कि इतिहास के ज्यादातर महान इंसानों का बचपन भी दुःख से बीता है |
आपको इस बात पर ध्यान लगाना चाहिए कि आपकी चाहते क्या है,आप क्या करना चाहते है , या तो आप उन्ही अतीत के सवालो में उलझे रह सकते है , या फिर अपनी मंजिल पा सकते है | और एक बार जब आपकी चाहत आपके सामने आती है , उसका वजूद अस्तित्व में आता है , तो अनचाही चीजो का वजूद ख़त्म हो जाता है |जब चाहत बढती है , तो अनचाहा गुम हो जाता है |
आप ही अपनी जिंदगी के शिल्पकार है , अपनी कहानी के लेखक है , अपनी कहानी खुद लिखिए , कलम आपके हाथ में है |और इसका नतीजा वही होगा जो आप चाहेंगे |
आकर्षण के सिद्धांत कि ये खूबसूरती ही है, कि आप जहा है वही से इसे शुरू कर सकते है , आप इसे शुरू कर सकते है सिर्फसोचने से | जब आप दिल से सोचेंगे तो अपने अन्दर एक संगीत पाएंगे , एक आनंद , एक जज्बा पाएंगे |और सिद्धांत उसमे अपना सुर मिलाना शुरू कर देगा | 
अब आपका विश्वास होगा कि आपके लिए सब प्रयाप्त है , अगर आपको विश्वास है , कि आप बूढ़े नहीं जवान हो रहे है, तो आप वही बन सकते है , जो आप चाहते है , क्योकि आप में वो शक्ति है , जो आपको बदल सकती है |आप अपने आप को आजाद कर सकते है , वंशानुगत दोषों से , सामाजिक कुरूतियो से और साबित कर सकते है , कि आप के अन्दर कि शक्ति बाकि कि शक्तियों से कही ज्यादा बड़ी है |
अब आप सोच रहे कि बात तो बहुत अच्छी है पर मै ये नहीं कर सकता या मुझे कोई करने नहीं देगा या मेरे पास पैसे नहीं या मेरे अन्दर इतनी ताकत नहीं या और कुछ | पर इन सब "नहीं" को आप ही ने तो बनाया है |
क्या इसकी कोई सीमाए है , जी बिलकुल नहीं हम इंसानों कि सत्ता असीम तक है , और जैसा कि आप जानते है हम अनंत उर्जा है इसलिए हमारी कोई सीमा नहीं , हम जो चाहे कर सकते है |
  जीवन का रहस्य 
इश्वर ने किसी भी किताब में या पन्ने पर ये नहीं लिखा कि आपका उद्देश्य या आपका लक्ष्य क्या है | इसलिए आपका उद्देश्य वही है ,आपका लक्ष्य वही है , जिसे आप तय करते है |आपकी जिंदगी वैसी, ही होगी जैसी आप चाहते है | आप पर कोई अपना फैसला नहीं धोपेगा | कहने का तात्पर्य यह है कि आपको वही काम करना चाहिए जिसे करने में आप खुश है , जिसे करने पर आपको आनंद महसूस हो , अगर आप ऐसा नहीं करते तो आप जिंदगी को एक बोझ बना कर जीते है | वो काम मत कीजिए जो आप को ख़ुशी ना दे| आप वही करिए जो आपको ख़ुशी का एहसास देते है |
सुख कि कामना करते रहते ने आप आनंद के माहोल में रहते है , आप श्रृष्टि के समृधि में खो जाते है , अपने चाहने वालो के साथ अपनी खुशहाल ज़िन्दगी बांटना चाहते है , आपका उत्साह आपकी उमंग सबको छु जाती है |अपनी चाहतो के पीछे ,अपनी उमंगो के पीछे जाईए ज़िन्दगी का आनंद  लीजिए | क्योकि ज़िन्दगी बेमिसाल है, एक गजब का सफ़र है  | आप एक नयी ज़िन्दगी एक अलग ज़िन्दगी जियेंगे, और लोग आपको देखेंगे और पूछेंगे कि तुम मुझसे  अलग क्या करते हो |
सिर्फ एक अलग बात है कि आप इस रहस्य के सहारे जीते है , और फिर आप वो सब पाते है , जो लोगो के मुताबिक नामुमकिन था | हम एक ऐसे युग में प्रवेश करने जा रहे है , जिसका आखिरी पड़ाव होगा - दिमाग |
हमेशा याद रखिए हम इंसान अपनी दिमागी क्षमता कि सिर्फ 5 फीसदी ही इस्तेमाल कर पते है , 100 फीसदी इस्तेमाल सही शिक्षा का परिणाम होता है |हम कुछ भी कर सकते है , सम्भावनाए असीम है , अनंत है , हम कुछ भी पा सकते है |
अपने आप को मनचाही अच्छाई के साथ देखे , हर धार्मिक ग्रन्थ यही कहता है , दर्शन का हर महान ग्रन्थ , हर महान नेता , हर महान इंसान , अतीत के सारे अवतार | इन सभी महान लोगो का अध्ययन कीजिए , इनमे से कई के विचार इस पोस्ट में दिखाए गए है | सभी ने एक बात को समझा , इस रहस्य को समझा | अब आपकी बारी है , आप भी इसे समझिए | जितना ज्यादा अमल में लायेंगे उतना ही समझेंगे |
अपनी ज़िन्दगी के सफ़र में आप इस मोड़ तक आ पाए क्योकि आपके अन्दर कि आवाज आपसे कहती रही कि खुश रहना आपका हक है |आपका जन्म सिर्फ इसलिए हुआ है कि आप दुनिया के लिए कुछ कर सके , और खुद को साबित कर सके | आपकी जिंदगी का हर अनुभव आपका हर लम्हा आपको इसीलिए तैयार कर रहा था |ये जान लीजिए कि आप ही अपने भाग्य के विधाता है , जरा सोचिए इस रहस्य को जानने के बाद आप क्या नहीं कर सकते है |अब आप सोचिए कि आप क्या करना चाहेंगे, अब आप सोचिए कि आप क्या पाना चाहेंगे , अब आप सोचिए (think for a minut).....|   आपका नृत्य कोई और नहीं कर सकता , आपका गीत कोई और नहीं गा सकता , आपकी कहानी कोई और नहीं लिख सकता  |
आप कौन है , क्या करेंगे इसका फैसला अभी करना होगा  | आपके अन्दर एक जबरदस्त खूबी है , मै जानता हूँ कि आप महान है | आप चाहे बच्चे है,या बूढ़े हो जब आप सही सोचना शुरू करेंगे ,, ये सोचना शुरू करेंगे कि आप के अन्दर वो शक्ति है , जो बहार कि शक्ति से कही गुना बड़ी है ,, वो प्रकट होना शुरू होगी , वो आपकी जिंदगी पर हावी हो जाएगी |आपको खिलाएगी , आपको पहनाएगी , आपका मार्गदर्शन करेगी , आपके अस्तित्व को बनाए रखेगी ,, अगर आप उसे ऐसा करेने देंगे .... और इस बात में मुझे कोई शक नहीं .........|

इस महान रहस्य का यही सार है , खुश रहिए अच्छा महसूस कीजिए और अपनी जिंदगी का आनंद लीजिए | मै  देवेन्द्र सिंह  अब आप से इजाजत चाहूँगा | अगर आप इस रहस्य के बारे में और जानना चाहते है , तो आप वेबसाइट The Secret पर भी जा सकते है |
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Wednesday 31 July 2013

मानसिक शक्ति कि शक्ति ( The power of mental power)


३१-जुलाई-२०१३
            सभी प्यारे दोस्तों , छोटे भाई-बहनों और माता-पिता समान बुजर्गो , आप सभी को देवेन्द्र सिंह कि और से प्यार भरा नमस्कार |
मै आज जिस विषय के बारे मै चर्चा करने जा रहा हूँ वो सोचने कि शक्ति के बारे मै है कि किस तरह लोग अपनी इस शक्ति को नज़रंदाज़ करते है | इस दुनिया मै ज्यादातर जीव स्वयं मेहनत नहीं करना चाहता है वह दुसरो के मेहनत से प्राप्त
फल मै अपना गुज़ारा चलाना चाहता है और यही चोरी जैसे अपराध को बढ़ता है, आज मनुष्य इतना आलसी हो गया है कि वह सोचना तक नहीं चाहता है, आप ही सोचिए अगर ऐसा न होता तो भला हमारे देश मै चोरी , भ्रष्टाचार , एजेंट जैसी संज्ञो
का भला प्रयोग ही क्यों होता, ये तो कुछ राष्ट्रीय स्तर  के अपराध है अगर सामाजिक स्तर  कि बात करे तो छोटे-मोटे  पेपर मै नक़ल भी न होती |
तात्पर्य यह है कि आज आलस्य ने मनुष्य को इतना जकड रखा है कि मनुष्य खुद इससे बहार नहीं आना चाहता है, अभी कुछ दिनों पहले मेरे सामने इसका एक उदाहरण आया है जो मै आपके साथ बाटना चाहूँगा, पिछले सप्ताह मैं ट्रेन से कही
जा रहा था लेकिन ट्रेन लेट होने के कारन वहा बैठा इंतज़ार कर रहा था मेरे सामने  एक पानी कि टोंटी थी जो कि घुमाकर खोलकर पानी पीने वाली थी पर उसके आकर और सरंचना को देखकर लगता था कि उसे दबाकर खोला जायेगा उसके साथ मै
दूसरी टोंटी थी जो दबाकर ही खोली जाती थी , मैंने कम से कम 14-15 लोगो को देखा सब उस टोंटी को दबाकर पानी पीने/भरने कि कोशिश कर रहे थे आखिर मै दूसरी टोंटी के पास चले जाते ,, मुझे यह देखकर आश्चर्य हो रहा था कि सब बगल
वाली टोंटी को देखकर ही उसे खोलने का प्रयास कर रहे थे उनमे से किसी ने भी उस टोंटी को घुमाने का या ध्यान से देख कर खोलने का प्रयास नहीं किया ||
ऐसे ही हमारे दैनिक जीवन मै न जाने कितने उदाहरण मिलते है जो यह साबित करते है कि मनुष्य शारीरिक और मानसिक तौर पर कितना आलसी हो चूका है ,, हाँ! इसका यह मतलब नहीं है कि पृथ्वी से सरे उत्तम पुरुष लुप्त हो चुके है,
पर ज्यादातर मनुष्य अपने उस अन्दर कि महान शक्ति को भूल चुके है, जिन लोगो को भगवान मै विश्वास है वो इस बात को भी मानते होंगे कि भगवान का निवास पत्थर कि मूर्तियों में  न होकर इंसान के दिल में  होता है , अगर आप ध्यान से
अपने हाथो को देखे तो पाएंगे यह चमड़ी से लिप्त है , चमड़ी कोशिकाओ से बनी है और कोशिका इसके उपांगो जैसे कोशिका केंद्र, और अन्य अंगो से मिलकर बना है ये उपांग भी तो प्रोटीन, विटामीन जैसी सरंचनाओ से मिलकर बने है,और ये सरंचाए
अणु परमाणु से .. तात्पर्य यह है कि अंत मै हमारा शारीर उर्जा से बना हुआ है अगर आप को मेरी बात का विश्वास न हो तो आप किसी भी क्वांटम विज्ञान के बारे मै जानकारी रखने वाले इंसान से पूछ लीजिए , उसी का भी यही जवाब होगा
और मेरे प्यारे मित्र गणों आप तो इस बात से १०० फीसदी सहमत होंगे कि इश्वर भी एक महान शक्ति है,उर्जा है ,, तो इस हिसाब से हम भी इश्वर के एक रूप है, अगर आप इस सत्य को  स्वीकार करते है और अपने अन्दर छुपी उस महान शक्ति
जिसे हुम भगवान कहते है के अस्तित्व को स्वीकारते है तो यकीन  मानिए दोस्तों आप नहीं जानते आपने कितनी बड़ी सफलता को प्राप्त करने के योग्य हो जाते है , हाँ यह बात भी कि मेरे कुछ मित्रगण नास्तिक भी होंगे पर जरा सोचिए मै आपको
इश्वर मै नहीं अपने अन्दर छुपी उस शक्ति उस उर्जा पर विश्वास करने को कह रहा हूँ , यह वो उर्जा है जो आपको कोई भी सफलता दिला सकता है आप कि ज़िन्दगी को स्वर्ग बना सकती है आप के रिश्तो मै मिठास ला सकती है जरुरत
है तो बस इसपर यानी अपने आप पर विश्वास करने की | कहा जाता है कि मनुष्य जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है इस बात से मै पूरी तरह सहमत हूँ क्योकि मुझे उस आंतरिक शक्ति शक्ति पर विश्वास है जो ये सब करने मै सक्षम है,
मेरा मानना है कि मनुष्य अपनी आस-पास कि परिस्थितियों का स्वयं जिम्मेदार होता है, वह अपने आस-पास होने वाली प्रत्येक घटना दुर्घटना सुघटना का स्वयं और केवल स्वयं जिम्मेदार होता है वैसे भी भाग्य को दोष देना कारयता और आलस्य कि
निशानी है, मनुष्य अपने चारो और कि परिस्थितियों को आकर्षित करता है, आप कहेंगे कि हम भला अपना बुरा क्यों सोचेंगे लेकिन फिर भी हमारे साथ बुरा तो होता ही है. तो इसका सिर्फ एक ही जवाब है जैसा कि मैंने पहले भी कहा है मनुष्य अपनी
समस्याओं का स्वयं जिम्मेदार है, हम भले ही अपना बुरा न सोचते होंगे होंगे पर हम अपने बुरा हो जाने के डर के बारे मै सोचते तो है ही बस येही वह डर है जो आपकी मानसिक शक्ति से उत्पन्न होता है और आपके विध्वंश का कारण बनता है
इस अंनोखी मासनिक शक्ति के बारे में मैं आपको अपने अगले पोस्ट मै बताऊंगा | फिलहाल आप इतना समझ लीजिए कि हमारा दिमाग भगवान कि वह कृति है जो हमें उस भगवान से संपर्क बनाने मै मदद करती है बिलकुल किसी कंप्यूटर के मॉडेम कि तरह
आप सब कि जानकारी के लिए बता दू कि मै स्वयं नास्तिक स्वभाव का हूँ, लेकिन घर वालो को खुश रखने के लिए भगवान कि पूजा-अर्चना भी करता हूँ भगवान को खुश रखने के लिए नहीं |
मेरा इस पोस्ट का सारांश यह है कि मनुष्य अगर चाहे तो वह किसी भी मंजिल को पा सकता है, कोई भी काम सकता है , बस उसमे करने कि और सिखने कि चाह होने चाहिए , आपने अक्सर देखा होगा कि अपनी कक्षा मै होशियार छात्र प्रत्येक विषय मै
बढ़िया प्रदर्शन करते है, वही पढाई मै कमजोर छात्र पढाई के अलावा किसी न किसी अन्य काम में जरुर अच्छे  होते है उन्हें या तो क्रिकेट मैच का पूरा ओवर टू ओवर पूरा स्कोर याद होता है या फिर किसी गाने के सारे  बोल याद होते है , तो इससे साबित होता है कि
वे मानसिक रूप से कमजोर नहीं है बस कमजोरी है तो सिर्फ मानसिक शक्ति को केन्द्रित करने मै और विषय मै रूचि उत्पन्न करने मै, येही मानसिक शक्ति का रहस्य है अगर किसी ने इससे केन्द्रित करना सिख लिया हो तो वह शुरू से होशियार होता है ,
और कुछ छात्र इसे सिख नहीं पाते और पिछड़ जाते है और उनके माता-पिता ज्ञान के अभाव में उन्हें सजा देते है, तो मानसिक शक्ति को उपयोग करने का यानी इस्तेमाल मै लाने का सिर्फ यही तरीका है कि आप इसपर ध्यान केन्द्रित करे |
मानसिक शक्ति को केन्द्रित करने कि क्षमता वंशानुगत होती है इसमें मेरा विश्वास नहीं है पर कुछ लोगो का मानना है कि यह वंशानुगत होता है .. मेरा मानना है कि कोई भी अगर चाहे और जिसे विश्वास है कि वो यह के सकता है, इस अनोखी शक्ति
का मालिक बन सकता है , आपने देखा होगा कि जो विद्यार्थी पढाई में होशियार होते है पुरे दिन किताबो में नहीं रहते और न ही किताबी कीड़े कि ज़िन्दगी जीते है मै स्वयं भी अछे छात्रों कि श्रेंणी में आता हूँ ऐसे छात्रों कि पकड़ बहोत मजबूत होती है ,
वे एक बार का पढ़ा अधिक समय तक याद रख पाते है , स्वामी विवेकानंद के बारे में तो आप जानते ही होंगे उनकी स्मरण शक्ति का लोहा तो विदेश में भी मन जाता है , आप सोच रहे होंगे कि भाई वो तो विवेकानंद है अब हम या हमारा बेटा विवाकानंद तो है
नहीं कि ऐसा दिमाग और ऐसे यादास्त रखे ये मै सिर्फ इतना कहूँगा कि क्या विवेकानंद जी कोई एलियन थे या कोई वैज्ञानिको को बनाया गया कोई रोबोट था वह भी हमारी हाड-मॉस का इंसान था दिमाग सभी के पास होता है बस उसे इस्तेमाल करने का हुनर सभी के
पास नहीं होता है , आप ने यह भी अल्बर्ट आइनस्टीन ने भी अपने दिमाग का सिर्फ 5% इस्तेमाल किया और वो आज इतना बड़ा वैज्ञानिक मन जाता है तो जरा सोचिए (think for a minut) अगर वो ऐसा कर सकता है तो आप क्यों नहीं ....?
अपने अन्दर कि उस महान शक्ति पर विश्वास कीजिए ..
मेरे अगले पोस्ट मै विश्व क महान रहस्य के बारे मै जानिए ||
अंत मै मेरा प्यारे मित्रगणों को मेरा प्यार भरा नमस्कार |
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Monday 15 July 2013

After a long take birth on this planet i come here to do something.......

Hey Friends Here is Me Devendra Singh..............,,,,,,,,,,,,,,,
I have Create  this blog so i can share my thinking ang can get others thinking...,,, i will publish all my blog in Hindi language and i think that you all like my thoughts..,,
i always think about simple thing, i will share it with you, and i think some people will learn how to live on this earth..,,

Just wait and watch...,,,,,,,,,,,,,    Jai Mata Ji Ki...